अपराधबिलासपुर

जेल से आने के बाद निलंबन के बजाय नौकरी…वन्य जीव के शिकार के मामले में दो माह जेल की सजा काटने के बाद भी मिली नौकरी….!

Advertisement
ब्यूरो रिपोर्ट मोहम्मद रज्जब

जेल से आने के बाद निलंबन के बजाय नौकरी…वन्य जीव के शिकार के मामले में दो माह जेल की सजा काटने के बाद भी मिली नौकरी….!

बिलासपुर – वन्य जीव के शिकार के मामले में दो माह जेल की सजा काटने के बाद भी एक RHO आराम से नौकरी कर रहा है। यहां तक जिस अवधि में वह जेल में था उस माह की भी सैलरी भी दी जा रही थी । जब इसकी जानकारी सार्वजनिक हुई तो बीएमओ ने निलंबन के लिए फाइल सीएमएचओ कार्यालय बढ़ा दी। बीते कई साल से फाइल यहां धूल खाती हुई पड़ी हुई है।

क्या है मामला : कोटा विकासखंड के अंतर्गत शिवतराई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ विवेक नेल्सन व एक अन्य को वन विभाग की टीम ने एटीआर के बफर जोन में चीतल व कोटरी के मांस के साथ पकड़ा था। दोनों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न् धाराओं के तहत 28 मार्च 2021 को गिरफ्तार किया था। RHO नेल्सन दो माह तक जेल की हवा भी खा के आ चुके है

वर्तमान में वह जमानत पर रिहा हैं। जेल रहने के दौरान भी विवेक नेल्सन की सैलरी स्वास्थ्य विभाग के ठाकुर साहब की मेहरबानी से मिलती रही। इतना ही नहीं वह मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कर फिर से ज्वाइनिंग दे दी। इधर, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को जानकारी मिली कि नेल्सन जेल की हवा खा कर आए हैं। तब उन्होंने निलंबन की फाइल सीएमएचओ कार्यालय भेज दी। यहां सालो से फाइल धूल खाती हुई पड़ी हुई है। अब तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई है। नेल्सन धडल्ले से नियमो को ताक पर रखकर अपनी नौकरी कर रहे है , खबरी बताता है की स्वास्थ्य विभाग के एक सहायक नेत्र अधिकारी की रसुखदारी और नोटों की माया ने नेल्सन को पाक साफ़ बता करके उनको अपनी कुर्सी पर बैठा दिया गया

8 घंटे में करना होता है सस्पेंड: किसी भी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी के जेल जाने की स्थिति में 48 घंटे के भीतर निलंबन की कार्रवाई की जानी है, लेकिन इस मामले में अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। निलंबन करने के बजाय RHO नेल्सन को उल्टा नौकरी में ला दिया इसीलिए कहते है पैसा बोलता है

Related Articles

Back to top button