छत्तीसगढ़

जांजगीर के सक्ती में मिनरल वाटर के नाम पर बिक रहा अमानक पानी,विभाग बेखबर

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बिलासपुर।स्थानीय मिनरल वाटर की मांग सक्ती व आसपास के गांवों में बढ़ गई है। नगर में लोकल ब्रांड समेत दूसरे जिले के भी पानी पाउच व बोतल कम से कम दाम पर जगह-जगह बिक रही है। कई कंपनी के पानी पाऊच में तो उत्पादन और एक्सपायरी डेट तक नहीं लिखा रहता है। जिससे यह तक मालूम नहीं होता कि पैकेट में पानी कितने समय का है। इसके अलावा नगर में आरओ वाटर के नाम पर लाखों रुपये का व्यापार हो रहा है। दुकान से लेकर आफिस, घरों व शादियों में आरओ वाटर केन ट्रेंड बन गया है, लेकिन यह पानी कितना शुद्ध है, इसकी जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है क्योंकि अब तक पानी सैंपल की जांच नहीं की जाती।ऐसे में पानी कितना शुद्ध है, पानी में जरूरी मिनरल्स है कि नहीं, इसकी शुद्धता को लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। रोजाना हजारों बैग बिकने वाले पानी पाउच की शुद्धता से भी लोग अनजान हैं। बावजूद इसके जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
खरीददार से लेकर जिम्मेदार विभाग ने इस पर कोई सवाल नहीं उठाया है, लोगों को तो यह तक पता नहीं है कि उन्हें आरओ वाटर के नाम पर कौन सा पानी पिलाया जा रहा है, और ये स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। जबकि पूर्व के सालों में पानी के कई सैंपल जांच में फेल हो चुके हैं बावजूद इसके जांच में गंभीरता नहीं दिख रही है।

क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे फर्म हैं, जो आरओ वाटर के नाम पर केन सप्लाई करते हैं। इन्होंने अपना आरओ प्लांट (पैकेजिंग प्लांट) भी लगाया है। क्षेत्र में 20-20 लीटर के केन में रोजाना हजारों केन पानी की सप्लाई हो रही है। रोजाना हजारों लीटर तक पानी क्षेत्र में खप जा रहा है। बड़ी मात्रा में हो रहे पानी के कारोबार के बावजूद गुणवत्ता की जांच अब तक नहीं की गई है और न ही विभाग ने कोई कदम उठाए हैं।
इनके फिल्टर प्लांट में जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच जिम्मेदार विभाग नहीं कर रहा। आरओ प्लांट में पानी का सोर्स ट्यूबवेल ही है। ऐसे में इस पानी को आरओ के नाम पर किस हद तक उपचारित किया जा रहा है, यह भी बड़ा सवाल है, जो जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं है।

आरओ वाटर के लिए ये तत्व आवश्यक

फ्लोराइड 0.5 से 1.5 मिली
घुलनशील लवण 500 से 1500 मिली
नाइट्रेट 0 से 45 मिली
क्लोराइड 10 से 500 मिली
पीएचपीए 6.5 से 8.5 मिली
ये है डब्ल्यूएचओ का मापदंड

आरओ प्लांट में पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया यह है कि पानी में गंदगी व तल छट रेत को फिल्टर किया जाता है पिुर बारीक कार्बन को खत्म किया जाता है फिर फिल्टर प्लांट से क्लोरिन व नए आर्गेनिक गंध से गंदगी को खत्म की जाती है। साथ ही यह ध्यान रखना होता है कि जरूरत के मुताबिक खनिज तत्व पानी में मौजूद हो लेकिन इन मापदंडो का पालन नहीं किया जा रहा है।

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