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जांजगीर के नाबालिग छात्र ने की खुदकुशी…. जांच में जुटी पुलिस….

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ब्यूरो रिपोर्ट सीता टंडन

जांजगीर-चांपा एसपी ने ऐसी घटनाओं को रोकने स्कूलों में दिये थे समझाइश के निर्देश….

जांजगीर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरगहनी में एक 13 वर्षीय छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मिली जानकारी के अनुसार चांपा से 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बिरगहनी में 13 वर्षीय छात्र कृष्ण कुमार यादव अपनी नानी के साथ रहता था और वह के सरकारी स्कूल में अध्ययन कर रहा था । पड़ोसियों के अनुसार आज लगभग 3:45 पर जब घर के लोगों ने देखा तो नाबालिग छात्रा कृष्ण कुमार यादव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था । घर वालों ने इसकी सूचना अड़ोस पड़ोस में दी और पड़ोस के युवकों ने शव को नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी । जांजगीर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर लाश का पंचनामा किया और लाश जिला चिकित्सालय की मरच्यूरी में सुरक्षित करवा दिया है । शाम होने की वजह से लाश का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है और पोस्टमार्टम कल ही किया जा सकेगा

आत्महत्या का कारण अज्ञात

छात्र कृष्ण कुमार के आत्महत्या का कारण अज्ञात है । बताया जा रहा है कि मृतक कृष्ण कुमार यादव अपनी नानी के घर में रहता था और उसके पिता अमरिका यादव कमाने खाने के लिए दिल्ली गए हुए हैं । उन्हें इस मामले की सूचना दे दी गई है । छात्र कृष्ण कुमार यादव की नानी और मौसी का हाल रो-रोकर बुरा है और वह इस मामले में कुछ भी बताने में असमर्थ है ।

जिले में इस तरह की दूसरी घटना


विदित हो कि बिल्कुल ऐसी ही घटना अकलता थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटमीसुनार में घटित हुई थी । ठीक इसी तरह अभिषेक केसकर नाम का 13 वर्षीया छात्र अपने दादा के साथ कोटमीसुनार में रह रहा था और वहां के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में अध्ययन कर रहा था । उसके माता-पिता भी कमाने खाने गये थे । लगभग एक माह पूर्व अचानक ही उसने भी सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और उसकी मृत्यु का कारण आज तक नहीं पता नहीं चल सका है । नाबालिग छात्र छात्राओं में ऐसी घटनाओं को रोकने जिला एस पी जांजगीर विजय अग्रवाल ने सभी थानों में निर्देश कर स्कूलों में समझाइश देने कहा था । आजकल बच्चों में भी स्कूल और उनके आसपास की छोटी सी दुनिया का दबाव बढ़ रहा है जिसे बच्चे सह नहीं पा रहे हैं लेकिन इन घटनाओं को रोकने के लिए सबसे पहले कारणों को जानना जरूरी है तभी इसका समाधान ढूंढा जा सकता है । इन मामलों में गौर करने वाली बात यह है कि दोनों ही बच्चे गरीब परिवार से थे और माता पिता से दूर थे । हो सकता है माता-पिता का प्रेम और आत्मीयता का अभाव बच्चे की आत्महत्या का कारण हो । चाहे भी हो इस तरह की आत्महत्या कहीं न कहीं सामाजिक संरचनाओं में टूटन या बदलाव के कारण हो सकतीं हैं परन्तु इसकी जांच आवश्यक है तभी इसका निदान ढूंढा जा सकता है ।

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