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जगदलपुर में बना प्रदेश का पहला पक्षी विहार”देसी-विदेशी बर्ड्स की 30 प्रजातियों को रखा जाएगा”50 लाख में हुआ तैयार.. !

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रिपोर्टर सतेन्द्र सिंह

जगदलपुर में बना प्रदेश का पहला पक्षी विहार:देसी-विदेशी बर्ड्स की 30 प्रजातियों को रखा जाएगा, CM भूपेश बघेल करेंगे उद्घाटन;50 लाख में हुआ तैयार.. !
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित लामनी पार्क में प्रदेश का पहला पक्षी विहार बनाया गया है। इस काम के लिए करीब 50 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि, यहां पक्षियों की कुल 30 प्रजातियों को रखा जाएगा। इनमें देसी और विदेशी दोनों बर्ड्स शामिल हैं। फिलहाल 300 बर्ड्स को लाकर रखा गया है। 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पक्षी विहार का उद्घाटन करेंगे।

दरअसल, लामनी जैव विविधता पार्क के संचालक और फॉरेस्ट रेंजर देवेंद्र वर्मा ने बताया कि, पिछले करीब 3 सालों से शहर के इस पार्क में पक्षी विहार बनाने का काम किया जा रहा है। वर्तमान में यहां हिरण और हंस को रखा गया। अब देसी-विदेशी नस्ल के रंग-बिरंगे पक्षियों को रखा जाएगा। इस पार्क में सालभर पर्यटकों की भीड़ रहती है। उन्होंने बताया कि, पर्यटन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। फिलहाल बेंगलुरु से 300 पक्षियों को यहां लाया गया है।

लेना होगा टिकट लामनी पार्क में बनाए गए इस पक्षी विहार में जिन पक्षियों को रखा जाएगा, उन्हें देखने के लिए पर्यटकों को टिकट लेना पड़ेगा। इसके लिए अलग से टिकट काउंटर की भी व्यवस्था की गई है। हालांकि, प्रति व्यक्ति टिकट कितना होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है। अफसरों का कहना है कि, इस पार्क में कैक्टस गार्डन भी बनाया गया है।जो यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। कई तरह के कैक्टस यहां मौजूद हैं। अब पक्षी विहार बनने से लोगों में यहां आने उत्सुकता बढ़ेगी।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की करीब 170 से 200 प्रजातियां मौजूद हैं। जिनकी अब लगातार पहचान की जा रही है। हाल के कुछ दिन पहले देश के अलग-अलग राज्यों से कुल 58 पक्षी विशेषज्ञ यहां पहुंचे थे। जिन्होंने पक्षियों के कई प्रजातियों की खोज की थी। यहां देश के अलावा कुछ विदेशी पक्षियों की प्रजाति भी पाई जाती है।

यह भी जानिए

कांगेर घाटी में पहाड़ी मैना, भृंगराज, उल्लू, वन मुर्गी, जंगली मुर्गा क्रेस्टेड, सरपेंटइगर, श्यामा, रैकेट टेल आदि शामिल हैं। तितलियों की 63 प्रजातियां हैं। इनमें 46 जनेरा एवं 29 फैमिली के अंतर्गत आती हैं। रेप्टाइल की 12 फैमिली के 37 प्रजातियों में मगर, कछुआ अजगर ,नाग, धामना आदि दिख जाते हैं। मछलियों की 11 फैमिली से 56 प्रजातियां पाई जाती हैं।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में चमगादड़ की एक विशेष प्रजाति मिली है। जिसका वजन सिर्फ करीब 5 ग्राम और रंग ऑरेंज और ब्लैक है। जिसे बोलचाल की भाषा में पेटेंड बैट कहा जाता है। बताया जा रहा है कि, चीन, भारत समेत अन्य एशियाई देशों में यह प्रजाति पाई जाती है। इससे पहले भारत के केरल और ओडिशा में यह प्रजाति मिली थी। लेकिन, छ्त्तीसगढ़ के बस्तर में इसे पहली बार देखा गया है।

पक्षियों पर शोध कर रहे रवि नायडू ने बताया कि, इस प्रजाति को अब तक कोई खास नाम न देकर इसे पेटेंड बैट के नाम से ही जाना जाता है। वहीं इसका वैज्ञानिक नाम ‘केरीवोला पिक्टा’ है। इस प्रजाति के चमगादड़ ज्यादातर सूखे इलाकों या ट्री हाउस में पाए जाते हैं। इनका वजन मात्र 5 ग्राम होता है। 38 दांत वाले इस चमगादड़ का मुख्य आहार सिर्फ कीड़े-मकोड़े ही होते हैं। चमगादड़ की यह प्रजाति भारत और चीन समेत कुछ एशियाई राज्य में पाई जाती है।

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