अन्यछत्तीसगढ़

खुफिया विभाग के नए बॉस: नक्सल प्रभावित एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय यादव ने संभाला सबसे पॉवरफुल पोस्ट…!

Advertisement
ब्यूरो रिपोर्ट मनोज शुक्ला

खुफिया विभाग के नए बॉस: नक्सल प्रभावित एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय यादव ने संभाला सबसे पॉवरफुल पोस्ट…!

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के 2004 बैच के आईपीएस अजय यादव खुफिया विभाग (इंटेलिजेंस) के नए चीफ बनाए गए हैं। डीजीपी के बाद यह सबसे पॉवरफुल पोस्ट होता है, जिसका कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होता है। यह पद अब नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय यादव संभालेंगे। बेसिक पुलिसिंग पर फोकस करने वाले अजय यादव ऐसे अफसर हैं, जिन्हें अपने मातहत अधिकारियों के पक्ष में स्टैंड लेने वाला अफसर कहा जाता है। इसके लिए उन्हें कई बार हटना भी पड़ा। बिलासपुर में तत्कालीन सांसद दिलीप सिंह जूदेव के धरने पर बैठने का मामला हो या रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में पादरी के साथ मारपीट का मामला हो। दोनों ही मामले में अपने थानेदार को सस्पेंड करने पर उनकी कुर्सी बच सकती थी, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हटना पड़ा था। नक्सल जिले में पदस्थ रहते हुए उन्होंने मुकेश गुप्ता जैसे तेजतर्रार अधिकारी को मूलभूत सुविधाओं के बिना फोर्स को जंगल में भेजने से इंकार कर दिया था। आईजी अजय यादव के बारे में कुछ रोचक बातें…

अजय यादव का जन्म एक अगस्त 1976 को हुआ। उन्होंने मैथ्स में बीएससी की परीक्षा पास की। फिर फिजिक्स से एमएससी किया। यूपीएससी से पहला सलेक्शन इंडियन डिफेंस एकाउंट्स सर्विस (IDAS) के लिए हुआ। उन्होंने ओडिशा में जॉइन भी कर लिया। हालांकि वे आईपीएस बनना चाहते थे, इसलिए अपनी तैयारी जारी रखी। यूपीएससी में भी उन्होंने अपनी प्राथमिकता में आईपीएस ही लिखा था। एक अजब संयोग यह भी है कि जिस साल उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की, उसी साल एमपी पीएससी के इंटरव्यू में भी शामिल हुए थे, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सके।

अपने सीनियर अधिकारियों के भी वे काफी चहेते रहे हैं। डीजीपी अशोक जुनेजा जब इंटेलिजेंस चीफ थे, तब अजय यादव डीआईजी (सुरक्षा) थे। ऐसे में वे बेहतर ट्यूनिंग के साथ रिजल्ट दे पाएंगे।

2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, तब वे इंटेलिजेंस में थे और फोर्स के मूवमेंट से लेकर उनकी सारी व्यवस्था, पोलिंग पार्टियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। चुनाव के दौरान रायपुर आईजी ही बाहर से आने वाले फोर्स की सारी व्यवस्था देखते हैं, इसलिए उन्हें इन सारे काम में भी आसानी होगी।
आईपीएस सलेक्ट होने के बाद अजय यादव ने बिलासपुर जिले में प्रोबेशन किया। बाद में वे बिलासपुर जिले के एसपी भी बने। एसपी के रूप में उनका पहला जिला नारायणपुर था। इसके बाद वे कांकेर जिले के एसपी बने और तीसरे जिले के रूप में बिलासपुर की जिम्मेदारी संभाली थी। उनके कार्यकाल में ही तखतपुर में बहुचर्चित पीएमटी पर्चा कांड पकड़ा गया था। बिलासपुर में ही भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ एफआईआर के मामले में उन्हें हटाकर भिलाई बटालियन का कमांडेंट बना दिया गया। उनके ऊपर अपने अधीनस्थ स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजनीतिक दबाव था, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। हालांकि कुछ समय बाद ही वे बस्तर के एसपी बने। इसके बाद जांजगीर एसपी की भी जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद दुर्ग और रायपुर के एसएसपी भी रहे। डीआईजी रहते हुए ही उन्हें सरगुजा रेंज के आईजी की जिम्मेदारी दी गई थी।

Related Articles

Back to top button