क्या अकलतरा भी सट्टे की राह पर है…!
सक्ती और बाराद्वार में जिस तरह अवैध कारोबारियों पर छापा मारा गया है वह पहली बार था और लोगों का आश्चर्य खत्म होने के पहले ही एक के बाद एक नये समाचार सुनने मिल रहे थे । लोगों को यह तो उम्मीद थी कि सट्टा का व्यापार यहां लंबे समय से चल रहा है पर केन्द्रीय आई टी टीम ने बिग बिजनेसमेन्स के होश उड़ा दिये है इन कांग्रेसी नेताओं और महा-उद्योगपतियो पर पड़ते छापे को देखकर अकलतरा के उद्योगपतियों और सट्टा कारोबारियो की छाती भी लोहार की धोकनी की भांति दहल रहीं हैं क्योंकि अभी तक स्थानीय और हद से हद जिले तक सेटिंग के चलते सट्टा कारोबारियो और तरह तरह के अवैध कारोबारी निशंक होकर धन कमा रहे थे उन्हें अब खुद पता नहीं कि कब उसका नंबर आ जायेगा और बकरे की मां कब तक उनकी खैर मनाएगी विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अकलतरा क्षेत्र में भी सट्टा बाजार काफी पहले से फल फूल रहा है और अब आधुनिक तकनीकी युग में सट्टा बाजार ने शासन और प्रशासन से भी ज्यादा फुर्ती से खुद को अपडेट किया है महादेव आनलाइन सट्टा बाजार की तर्ज पर यहां अन्ना रेड्डी आनलाइन सट्टा बाजार में लोग पैसा लगा रहे हैं और बर्बाद हो रहे है और कुछ आबाद भी हो रहे हैं जो उंगलियों पर गिने जा सकते हैं लेकिन यह निश्चित है कि सट्टा खेलाने वालों की पौ बारह है । इस सट्टे में कोई रूपए लगाकर बड़ा आदमी बना हो या न बना हो , सट्टा खेलाने वालों जिसे सट्टा बाजार की भाषा में खाईवाल कहा जाता है वह हमेशा से ही फलता-फूलता रहा है । ज्यादा आश्चर्य नहीं होगा जब कोई यहां भी रायगढ़ के व्यापारी की तरह यहां आत्महत्या करे और अगर ऐसा हो भी जाता हैं तो इस बाजार को किसी एक व्यापारी की आत्महत्या से कोई इंच भर भी नहीं हिला सकता है क्योंकि यह बिजनेस हाइप्रोफाइल और हाई टेक्नोलाॅजी बेस्ड बिजनेस है जिसकी जड़ तक पहुंचना और उसकी जड़ों को काटना बहुत मुश्किल है । आज युवाओं में आत्महत्या की दर बढ़ी है साथ ही स्कूल स्तर के विद्यार्थियों में भी आत्महत्या की दर बढ़ रही है । अगर इसकी जांच ईमानदारी से जांच की जाये तो हो सकता है इन आत्महत्याओं में आनलाइन गेम के कुछ सूत्र मिले लेकिन इस तरह की मौतों में परिजन और मां बाप भी “मरने वाला तो लौट कर नहीं आयेगा ” और बची हुई बाकी जिंदगियो को भी देखना है कहते हुए अपने प्रिय को मिट्टी देने के साथ इस विषय पर भी मिट्टी डाल देते हैं । आनलाइन सट्टा उस मकड़जाल की तरह है जिसमें फंसने के बाद निकलने की छटपटाहट में लोग और अधिक फंसते चले जाते हैं और मौत की शर्त पर इस मकड़जाल से मुक्ति मिलती है । अकलतरा का बहुत धनाढ्य और पाश इलाके में यह खेल खेला जा रहा है जिसकी भनक सबको है लेकिन ,चलनी कहे सूई से तेरे मुंह में छेद है,वाली कहावत से बचना चाहते हैं और एक-दूसरे के छेद पर मिट्टी डाल रहें हैं । कुछ विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस आन लाइन सट्टा में नगर के युवाओं ने छोटी बड़ी रकम मिलाकर लगभग बीस लाख रुपए अन्ना रेड्डी के नाम चढ़ा दिए हैं जिसे घरवालों ने पहली और आखिरी गलती समझाकर माफ़ कर दिया है । अकलतरा नगर के लिए यही उचित है कि यहां के युवा इसे आखिरी समझ इस गेम से क्वीट कर जाये । अकलतरा के काली मंदिर में अब भी सुरा-सुंदरी और बावन परियों के आशिक जा रहे है । क्राइम ब्रांच ने इन आशिको की आशिकी उतारने की कोशिश की शरीके-गम के दोस्तों ने उन्हें उबार लिया है । क्राइम ब्रांच को फिर से नेह-निमंत्रण है पर अकेले ही आये साथ किसी को न लाये ।
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