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कोटा नवागांव सलका पडरापथरा तक बन रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रोड़,,,, चढ़ भ्रष्टाचार की भेंट,,, प्रशासन बेखबर

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कोटा नवागांव सलका पडरापथरा तक बन रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रोड़,,,, चढ़ भ्रष्टाचार की भेंट,,, प्रशासन बेखबर

(संवाददाता मों रज्जब)

करगीरोड कोटा नवागांव सलका पडरापथरा तक बने रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत करोड़ की लागत से बन रहे नवीन सड़कों पर अभी तक कोटा से पढ़ापथरा तक सड़क पर गुणवत्ता विहीन डामरीकरण करने पर अभी से पूरा सड़क जर्जर हालत में रहा वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सडक येजना के ठेकेदार ने अपनी गलती छिपाने जर्जर सड़क में नवीन डामरीकरण सडक में पेज रिपेयरिंग करा रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सडक येजना के अधिकारीयों ठेकेदार के आगे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पुल पुलिया, गुणवत्ताविहीन समाग्री का उपयोग करने से पूरी तरह खराब है वहीं ठेकेदार द्वारा विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से

छोड़ पूरे सडक को डामरीकरण कर दिया गया है, वहाँ बरसाती पानी पढ़ने से यह सड़क कैसे टिकेगी यह बात विभागीय अधिकारी हो बता पायेंगे । सड़कों को गांव के लोगों को पकी डामरीकरण सड़क बनाने के लिये करोड़ रुपए खर्च कर रही हैं वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के अधिकारियों के अनदेखी से भ्रष्टाचार के शिकार हो रहा है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क येजना के जिले के सड़कों को गुणवत्ता जांचने इंजिनियरों की टीम में जिले के बड़े अधिकारी के साथ सड़क की गुणवत्ता जांचने अधुनिक मशीन से सड़क का डामरीकरण हिस्सा का कोर कटिंग किया जाता है। लेकिन अधिकारीयों के उदासीनता के कारण ठेकेदार द्वारा निर्धारित मापदंड का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।बिलासपुर जिले के अधिकारियों को सड़कों की गुणवत्ता देखने के लिए समय नहीं है और सरकार की येजना आम जनता के पास मिल रही हैं इसकी भी सुध नहीं लेते हैं। जब की पूरी सड़क में डामरीकरण का गुणवत्ता का जारा भी ध्यान नहीं दिया है‌।बिलासपुर जिले के महज 32 किलोमीटर दूरी में प्रधानमंत्री सडक ठेकेदार द्वारा खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है,।कोटा नवागांव सलका पडरापथरा तक बन प्रधानमंत्री ग्राम के अंतर्गत रोड मनमर्जी रुपी कार्य हो रहा है।कोटा से पद्मपथरा तक सड़क कागजों में और अधिकारियों के नजर में सड़क की गुणवत्ता अच्छी दिखाई दे रहा है, वहीं जमीनी हकीकत यहाँ के सड़कों में पैदल और मोटर साइकिल पर चलने पर दिखाई देता है। एक तरफ देखा जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास करने पर लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं इसका फायदा आम जनता को नहीं यह फायदा तो ठेकेदार और अधिकारी को मिल रहा प्रधानमंत्री ग्राम सडक येजना के जिले एक बड़े अधिकारी को सड़क की गुणवत्ता विहीन की जानकारी देने पर जब फोन या सोशल मीडिया के जानकारी देते हैं तो सडक सुधार कराने और ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय मापदंड का पालन करने के लिए आदेश जारी करना चाहिए परन्तु सहाब जी ऐसा ना कर ठेकेदार के ही पक्ष लेकर कौन शिकायत कर रहा है।इसकी भी जानकारी देते जब की कोई शिकायत करने वाले लोग का शिकायत करने पर जांच कर उक्त बातें कार्यवाही करने चाहिए परन्तु कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी ऐसे नहीं करते हैं और ठेकेदार के पूरा पक्ष लेते हैं ऐसे में गांव गरीब किसान मजदूर आदिवासी जंगल इलाकों में कोटा नवागांव सलका पढ़रपथरा तक बने रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रोड़,,,,भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा सड़ककरगीरोड कोटा नवागांव सलका पढ़रपथरा तक बने रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत करोड़ो की लागत से बन रहे नवीन सड़कों पर अभी तक कोटा से पढ़ापथरा तक सड़क पर गुणवत्ता विहीन डामरीकरण करने पर अभी से पूरा सड़क जर्जर हालत में रहा वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के ठेकेदार ने अपनी गलती छिपाने जर्जर सड़क में नवीन डामरीकरण सडक में पेज रिपेयरिंग करा रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अधिकारीयों ठेकेदार के आगे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पुल पुलिया, गुणवत्ताविहीन समाग्री का उपयोग करने से पूरी तरह से बैठ गया था वहीं अपनी गलती छिपाने के लिए आनन फानन में सिमेंट का कांक्रीट करण करा दिया वे भी अभी बैठने लगा है, वहीं ठेकेदार द्वारा विभागीय अधिकारियोंके मिलीभगत से गांव और नगर में अदंर पनी आबादी बस्ती में में सी सी रोड का प्रवधान रहता है लेकिन ठेकेदार द्वारा पदुमपुर छोड़ पूरे सडक में डामरीकरण कर दिया गया है, वहाँ बरसाती पानी बहने से यह सड़क कैसे टिकेगी यह बात विभागीय अधिकारी ही बता पायेंगे । छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता के गांव के पगड़ी सड़कों को गांव के लोगों को पकी डामरीकरण सड़क बनाने के लिये करोड़ रुपए खर्च कर रही हैं वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों के अधिकारियों के अनदेखी से भ्रष्टाचार के शिकार हो रहा है। वहीं ठेकेदार केहैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क येजना के जिले के सड़कों को गुणवत्ता जांचने इनजिनियरों की टीम में जिले के बड़े अधिकारी के साथ सड़क की गुणवत्ता जांचने अधुनिक मशीन से सड़क का डामरीकरण हिस्सा का कोर कटिंग किया जाता है और कटे हुए कोर को मशीन से ही ऑन द स्पॉट उसकी गुणवत्ता जांच करके ही ठेकेदार द्वारा बनाई गई सड़क को पास किया जाता हैं लेकिन अधिकारीयों के उदासीनता के कारण ठेकेदार द्वारा निर्धारित मापदंड का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।बिलासपुर जिले के अधिकारियों को सड़कों की गुणवत्ता देखने के लिए समय नहीं है और सरकार की येजना आम जनता के पास मिल रही हैं इसकी भी सुध नहीं लेते हैं।जब की पूरी सड़क में डामरीकरण का गुणवत्ता का जारा भी ध्यान नहीं दिया है, वहीं मुरूम पीली मिट्टी डाली जा रही हैं यह बिलासपुर जिले के महज 32 किलोमीटर दूरी में प्रधानमंत्री सडक ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार खुलमखु किया जा रहा है, वहीं कोटा से पापथरा तक सड़क पर मनमाने तरीके से सड़क बनाया गया है, कोटा से पद्मपथरा तक सड़क कागजों में और अधिकारियों के नजर में सड़क की गुणवत्ता अच्छी दिखाई दे रहा है, वहीं जमीनी हकीकत यहाँ के सड़कों में पैदल और मोटर साइकिल पर चलने पर दिखाई देता है। एक तरफ देखा जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास करने पर लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं इसका फायदा आम जनता को नहीं यह फायदा तो ठेकेदार और अधिकारी को मिल रहा प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना जिले के एक बड़े अधिकारी को सड़क की गुणवत्ता विहीन की जानकारी देने पर जब फोन या सोशल मीडिया के जानकारी देते हैं तो सडक सुधार कराने और ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय मापदंड का पालन करने के लिए आदेश जारी करना चाहिए परन्तु सहाब जी ऐसा ना कर ठेकेदार के ही पक्ष लेकर कौन शिकायत कर रहा है। इसकी भी जानकारी देते जब की कोई शिकायत करने वाले लोग का शिकायत करने पर जांच कर उक्त बातें कार्यवाही करने चाहिए परन्तु कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी ऐसे नहीं करते हैं और ठेकेदार का पूरा पक्ष लेते हैं ऐसे में गांव गरीब किसान एवं आदिवासी एवं जंगल इलाकों में सरकार की यह योजना का कैसे लाभ मिलेगा यह तो अधिकारी ही बता पाएंगे। यह

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