ग्राम पंचायत के विकास के लिए आई राशि को मनमाने तरीके से विभिन्न एजेंसियों को किये गए आबंटित
असलम खान-बिलासपुर| जिला जांजगीर के जनपद पंचायत अकलतरा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटमी सोनार में सरपंच और सचिव द्वारा मिलकर शासकीय राशि के दुरुपयोग तथा अनियमितता करने की शिकायत मिली है जिस पर सीईओ न जांच टीम गठित करने के आदेश दिए हैं| ज्ञात हो कि एसडीएम जांजगीर तथा सीईओ जिला पंचायत जांजगीर से शिकायत की गई जिला पंचायत सीईओ राजेंद्र सिंग ठाकुर ने जांच टीम गठित करने के आदेश दिए एसडीएम मेनका प्रधान ने भी जांच का आश्वासन दिया है|सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकलतरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटमी सोनार की सरपंच रामीन बाई नेताम तथा पूर्व सचिव हेमलता सिंग ने ग्राम पंचायत के विकास के लिए आई राशि को खाने के लिए मनमाने तरीके से विभिन्न एजेंसियों को बांटे हैं और जिन एजेंसियों के नाम ग्राम पंचायत के चेक काटे गए हैं और एजेंसियों में कुछ एजेंसियां ऐसी है जिनका काम और राशि का कोई मेल नहीं बैठ रहा है| शिकायतकर्ता ने बताया कि जिस अग्रवाल इंटरप्राइजेज के नाम 38 लाख के चेक काटे गए हैं वह इलेक्ट्रॉनिक सामानों की दुकान है तो क्या कोरोना काल मे श्रमिकों को या पूरे ग्राम पंचायत को टीवी, कूलर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन बांटे गए हैं इसी तरह मुरूमकृत सड़क के लिए 2 लाख 99 हजार के चेक काटे गए हैं जिसके लिए न तो प्रशासकीय स्वीकृति ली गई है और ना ही तकनीकी स्वीकृति ली गई थी और एक तरफा चेक काटते गए हैं जबकि 50 हजार से ऊपर के निर्माण कार्य के लिए जिला सीईओ की स्वीकृति आवश्यक होती है इसी तरह गौठान मे कांटेदार तार के नाम पर 5 लाख रुपए पारित किए गए हैं परंतु गौठान में तार कहीं नजर नहीं आ रहा है शिकायत कर्ताओं ने बताया कि कोटमी सोनार में जिस तरह आम जनता तथा ग्राम के विकास के लिए आई राशि का सत्यानाश किया जा रहा है वह सोचनीय स्थिति है अगर इस तरह की स्थितियों को शासन द्वारा नहीं रोका गया तो शासन के द्वारा लोगों को दिखाया गया सुशासन का स्वप्न मात्र स्वप्न बनकर रह जाएगा शिकायतकर्ता ने इस मामले में कहा है कि उनके द्वारा कुछ बड़े घोटालों पर ही शिकायत की गई है अगर इस विषय में ईमानदारी और बारीकी से जांच की तो पता चलेगा कि किस तरह सरपंच और सचिव मिलकर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं सबसे हैरानी की बात सचिव हेमलता द्वारा आंख मूंदकर सरपंच का अंधानुकरण किया जाना है क्योंकि सचिव शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी मनमाने तरीके से शासकीय राशि का आहरण किया जा रहा है|
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