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कांकेर में शहीद जवान का अंतिम संस्कार, गांववालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई..!

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कांकेर में शहीद जवान का अंतिम संस्कार, गांववालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई..!
कांकेर: बीजापुर में कंपनी कमांडर तिजऊ राम भुआर्य की रविवार सुबह नक्सलियों ने कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी थी. उनके पार्थिव शरीर को गृह ग्राम बरपारा हाटकोंदल में लाया गया था. आज सुबह शहीद जवान तिजाऊ राम का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शहीद को नम आंखों से परिजनों और गां अंतिम विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा. शहीद जवान को अंतिम विदाई देते हुए सभी की आंखें नम हो गई.

बाजार में नक्सलियों ने किया था हमला: शहीद जवान तिजऊराम भुआर्य (45 साल) कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर बरपारा गांव के निवासी है. सुरक्षाबल ज्वाइन करने के बाद वे छग सशस्त्र बल (CAF) की चौथी बटालियन में बतौर कंपनी कमांडर अपनी सेवाएं दे रहे थे. वर्तमान में वे बीजापुर के कुटरू थाना के गांव दरभा में पदस्थ थे. 18 फरवरी रविवार को वे साप्ताहिक बाजार ड्यूटी करने पहुंचे थे. इस दौरान बाजार में एक जगह भीड़ एकत्रित हो गई थी.

कंपनी कमांडर वहां जानकारी लेने वहां पहुंचे. इसी बीच भीड़ में ग्रामीणों के बीच छुपे नक्सलियों ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे वे जमीन गिर गए और मौके पर ही मौत हो गई. हमला होते ही बाजार में भगदड़ मच गई. इस बीच अन्य जवान भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक नक्सली भाग चुके थे.

15 दिन पहले बहन से मिलने आए थे घर: शहीद तिजऊराम भुआर्य छुट्टी पर गांव आते थे. 15 दिन पहले भी वो आसुलखार गांव बहन से मिलने पहुंचे थे. उनके घर में तीन भाई और एक बहन हैं. सबसे बड़े भाई आनंदराम भुआर्य की 2013 में बीमारी से मौत हो गई थी. वहीं छोटा भाई गंगा प्रसाद दंतेवाड़ा पुलिस में सेवाएं दे रहा है.

एक दिन पहले शहीद तिजऊराम ने कक्षा 6वीं में पढ़ रही बिटिया डिंपल भुआर्य से बात की थी. उन्होंने 3 मार्च से शुरू होने वाले भानुप्रातापपुर मेले में आने तथा मेला घुमाने का वादा किया था. जवान का एक बेटा हर्ष कक्षा 10वीं में है. शहीद ने हमले से पहले पत्नी यशोदा भुआर्य से भी बात की थी.

भर्ती के बाद से नक्सली इलाकों में ही दी सेवाएं: शहीद तिजऊराम भुआर्य 2003 में सीएएफ में भर्ती किए गए थे. उन्हें पहली पोस्टिंग रायपुर में मिली. इसके बाद से वे नक्सली क्षेत्र में ही तैनात रहे. भर्ती के दो साल बाद तैनाती नारायणपुर जिले के ओरछा में हुई. 2015-16 में वे कांकेर से सुकमा और वहां से बीजापुर जिले में गए.

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