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आरक्षक के मौत मामले की होगी मजिस्ट्रियल जांच

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आरक्षक के मौत मामले की होगी मजिस्ट्रियल जांच, एसपी ने भेजा प्रतिवेदन

असलम खान-जांजगीर /चाम्पा। जांजगीर चाम्पा जिले के सक्ती थाने में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह के मौत के मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआहै।घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए निष्पक्षता से जांच करवाने हेतु एसपी पारुल माथुर ने कलेक्टर को मजिस्ट्रियल जांच करवाने के लिए प्रतिवेदन भेजा हैं कलेक्टर मजिस्ट्रियल जांच के सम्बंध में निर्णय ले कर जांच अधिकारी तय करेंगे।जानकारी के मुताबिक मुंगेली के निवासी शक्ति थाने में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंग की ड्यूटी थाने में मुलजिम पेशी के लिए लगी हुई थी लेकिन 30 अप्रेल से पुष्पराज सिंह लगातार ड्यूटी से गैरहाजिर था।गुरुवार की रात आरक्षक पुष्पराज सिंह अपने दीनदयाल आवास स्थित आवास से दूसरे आरक्षक गौरीशंकर राम की स्कूटी को मांग कर थोड़ी देर में आने की बात कह कर निकला था।आरक्षक पुष्पराज जांजगीर नया बस स्टैंड की ओर गया हुआ था जहाँ देशी शराब दुकान से कुछ दूरी पर मेन रोड से हट कर कच्चे मार्ग से स्कूटी से जा रहा था इस रास्ते मे अस्थाई रूप से बिजली लाइन खिंचने के लिए बॉस के खम्भे लगे हुए थे जिनके सहारे बिजली के तारो को पास किया गया था जो जांजगीर में घटना के थोड़ी देर पहले आये आंधी तूफान की वजह से गिर गया था।पुलिस के अनुसार बारिश की वजह से कच्चे रास्ते मे स्लिप खा कर पुष्पराज स्कूटी सहित स्लिप खा कर बास और उलझे हुए बिजली के तारों के बीच गिर पड़ा और बिजली के केबल वायर में गला फंसने से उसकी मौत हो गई।स्कूटी गिरने की आवाज सुन कर शराब दुकान का सिक्युरिटी गार्ड देवेंद्र धीवर निकला और जा कर पुष्पराज के गले मे फसे तार को निकालने की कोशिश किया पर सफलता न मिलने पर उसने आस पास के लोगो और डायल 112 को सूचना दी।सूचना पर पहुँचे पुलिस ने तार निकाल कर आरक्षक को हास्पिटल पहुँचाया जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया।तीन बार बर्खास्तगी के बाद हुई थी पुन: बहाली,साल भर का वेतन दान कर आया चर्चा में पुष्पराज सिंह पुलिस आंदोलन में भाग लेने व पुलिस विभाग को धमकी देने व उस समय कि वर्तमान एसपी नीतू कमल से बहस करने की वजह से आरक्षक पुष्पराज को बर्खास्त कर दिया गया था पर आंदोलन खत्म होने पर उसे बहाल कर दिया गया।इसके बाद उसे गांजा तस्कर को 60 हजार रिश्वत ले कर छोडऩे पर व लगातार 109 दिन अनुपस्थित रहने पर एक एक बार बर्खास्त किया जा चुका हैं लेकिन डीजीपी के यहां अपील करने पर आरक्षक पुष्पराज सिंह तीनो बार बहाल हो गया था इसी तरह पुष्पराज को बर्खास्तगी के अलावा 6 बार निलंबित भी किया जा चुका था।पिछले साल कोरोना से आये हुए संकट को देखते हुए सीएम रिलीफ फंड में एक साल का वेतन दान कर के आरक्षक चर्चा में आया था जिसकी सीएम व गृहमंत्री ने ट्वीट कर तारीफ भी की थी।आरक्षक पुष्पराज सिंह की हमेशा पुलिस के अधिकारियों से ठनी रहती थी वह उनके व सिस्टम के खिलाफ लगातार सोशल मीडिया में ट्वीट करते रहता था कुछ दिनों पूर्व जिले के एक थानेदार को एक आरक्षक द्वारा उसके घर मे घुस कर पीटने को सही ठहराते हुए भी उसने सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया था।इसी तरह लगातार चुनोती भरे अंदाज में पुष्पराज के पोस्ट होते थे इसलिए आज पुष्पराज की मौत के बाद उसकी सुनियोजित हत्या की आशंका लोग सोशल मीडिया पर जता कर निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

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