आरआरबी फ्यूचर कंपनी में निवेशको के 15 करोड़ डूबने की कगार पर, लेकिन लालच ने निवेशको का कदम रोक रखा, जानकारी के बावजूद फर्जी कंपनी पर किसी तरह की कार्यवाही ना होना भी संदेह के घेरे में …
मोहम्मद रज्जब कोटा
बेलगहना केंदा चौकी :—–जहां लालच है, वहीं आसपास ठगी भी आकार ले रहा होगा। दुनिया में जब तक लालची और बेवकूफ लोग हैं, तब तक धोखेबाज और ठग भूखे नहीं मर सकते। बेलगहना पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव केंदा में भी करीब 15 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन जो लोग ठगे जा रहे हैं उनका लालच खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
केंदा में आरआरबी फ्यूचर नाम की कंपनी ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर लोगों से 15 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करा लिया। इन लोगों ने शेयर मार्केट में रकम निवेश करने की बात कहकर 2 महीने में ही रकम दुगना होने का लालच दिया।पहली बार इन लोगों ने रकम दुगना कर निवेशकों का लोभ बढ़ाया भी, जिससे आसपास के ग्रामीण ,किसान, सरकारी कर्मचारी यहां तक कि शिक्षक भी इस कंपनी में भारी रकम निवेश कर चुके हैं। कंपनी के प्रमुख राजेश चंद्राकर के साथ बतौर सहयोगी हरि ओम, गजानन श्रीवास, बंटी दुबे आदि का नाम सामने आ रहा है।
निवेशकों को 2 महीने बाद का जो समय दिया गया था वह तो कब का बीत चुका, लेकिन अब तक पैसा नहीं लौटाया जा रहा। ग्रामीण भी समझ रहे हैं कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं लेकिन डर और लालच की वजह से वे खामोश है ।
आरआरबी फ्यूचर नाम के इस फर्जी कंपनी के साथ राजेश चंद्राकर, हरिओम अंकित सिंह ,विक्की सिंह आदि जुड़े हुए बताया जा रहे हैं जिन्होंने ग्रामीणों की लालच का फायदा उठाते हुए उन्हें रकम दुगनी होने का झांसा दिया और फिर उन्हें भारी निवेश के लिए विवश किया। इस संदेहास्पद कंपनी में निवेश करने वालों को पहले 25 दिसंबर का वक्त दिया गया। इसके बाद यह डेट बढ़कर 28 हो गया। जब 28 को लोग अपना पैसा वापस लेने पहुंचे तो उन्हें 5 जनवरी का डेट दिया गया। जैसा कि होना था 5 जनवरी को भी निवेशको को उन का पैसा नहीं लौटाया गया। अब उन्हें 15 जनवरी की नई तारीख दी गई है।
इधर आरआरबी कंपनी के साथ जुड़े लोग एक-एक कर केंदा से गायब हो रहे हैं। पता चला कि कंपनी का प्रमुख राजेश चंद्राकर निवेशकों को धमका रहा है की अगर कोई उसके खिलाफ पुलिस में जाता हैं और वह जेल चला जाता है तो फिर निवेशकों का पूरा पैसा डूब जाएगा। इसी डर में कोई भी पुलिस के पास जाने को तैयार नहीं। हालांकि पुलिस को भी मामले की पूरी जानकारी है। यहां तक कि पिछले दिनों जब कांग्रेस के बड़े नेता अटल श्रीवास्तव रतनपुर आए थे तो उन्हें भी मामले की जानकारी हुई थी और उन्होंने इस संबंध में बेलगहना पुलिस चौकी को निर्देशित करने की बात कही थी,साथ ही उन्होंने निवेशकों से भी आव्हान किया था कि वे भी आगे आकर मामले की शिकायत करें, क्योंकि एक बार कंपनी से जुड़े लोग भाग गए तो फिर उन्हें ढूंढना पुलिस के लिए भी आसान नहीं होगा।
मगर अपना खेत, जमीन बेचकर आरआरबी फ्यूचर कंपनी में पैसा लगाने वालों को अब भी उम्मीद है कि उन्हें उनकी रकम दुगनी होकर जरूर मिलेगी। इसी लालच ने उनके कदम रोक रखे हैं , जबकि अब लगभग तय हो चुका है कि उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिलनी है। वे जितना देर करेंगे कंपनी के लोगो के लिए यह समय बच निकलने के लिए उतना ही आसान होगा। जानकार बता रहे हैं कि इस फर्जी कंपनी की रणनीति भी यही है। इनमें से कोई एक बलि का बकरा बन कर जेल चला जाएगा और फिर करोड़ों की रकम हड़प ली जाएगी। निवेशकों को फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी।एक तरफ भूपेश बघेल सरकार फर्जी चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वालों को पाई पाई लौटा रही है तो दूसरी और उनके ही शासनकाल में केंदा में इतना बड़ा घोटाला हो रहा है, जिस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। हमने बार-बार इस मुद्दे को जिला प्रशासन के सामने लाया है, बावजूद इसके अब तक किसी तरह की कार्यवाही ना होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।