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आबकारी के 1 करोड़ 27 लाख की धोखाधड़ी का मामला…3 आरोपी गिरफ्तार, पर्दे में किसी बड़े खेल की आशंका, रिकवरी सबसे बड़ी चुनौती

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आबकारी के 1 करोड़ 27 लाख की धोखाधड़ी का मामला…3 आरोपी गिरफ्तार, पर्दे में किसी बड़े खेल की आशंका, रिकवरी सबसे बड़ी चुनौती

बिलासपुर – आबकारी विभाग के क़रीब डेढ़ करोड़ रुपए की हेरा फेरी करने वाले तीन आरोपियों को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। लेकिन पुलिस ने अब भी आबकारी विभाग के एक करोड़ 27 लाख 53 हजार 30 रूपए को बरामद नहीं कर पाई है और ना ही पूरे पैसे का हिसाब मिल आपको बता दें व्यापार विहार एक्सीस बैंक के प्रबंधक दुर्जती मुखर्जी ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करते हुए बताया था कि बैंक में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन का खाता है। शराब बिक्री की रकम को टॉप सिक्योरिटी के कर्मचारी दुकानों से लाकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग के खाते में जमा कराते हैं। कंपनी की आडिट में पता चला कि बैंक खाते में एक करोड़ 27 लाख 53 हजार रुपए कम है। इसकी जमा पर्चियां कंपनी के पास मौजूद है। बैंक की जांच में पता चला कैशियर राकेश प्रसाद द्वारा ये पर्चियां जारी की गई है।पूछताछ में कैशियर ने बताया कि टॉप सिक्योरिटी के कर्मचारी उसे बिना रकम दिए पर्चियां लेकर जाते थे। कमिशन के लालच में उसने कर्मचारियों को बिना रूपए जमा किये ही जमा पर्चियां जारी कर दी है। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने बैंक के कैशियर देवरिया जिला गोरखपुर निवासी आरोपी राकेश प्रसाद,बहतराई निवासी ठेका कर्मचारी ज्वाला प्रसाद लगाडें और खैरा निवासी ईमेश पाण्डेय को गिरफ़्तार कर ली है।

पकड़े गए आरोपी कही बड़े गेम के मोहरे तो नही,, करोड़ों के गबन पर केवल 42 लाख का हिसाब जुटा पाई पुलिस..आबकारी विभाग के एक करोड़ 27 लाख 53 हजार के अमानत में खयानत के मामले में सिविल लाइन पुलिस को अब तक यह पता चल की तीनो आरोपी कमीशन के आधार पर उक्त घटना को अंजाम देते थे। इन्हे पैसे को लाने से लेकर बैंक से पर्ची लेने तक के काम के ऐवज में करीब 10 प्रतिशत का कमीशन मिलता था। जिसमे से कैशियर राकेश प्रसाद ने अपने गृह ग्राम देवरिया उत्तर प्रदेश में 4 लाख की जमीन एक कार एप्पल मोबाइल , फ्रीज, वासिंग मशीन और सोने-चांदी के जेवर खरीद हैं। तो वही आरोपित ज्वाला प्रसाद ने अपनी शादी और घरेलू काम में पैसे खर्च कर दिए,इधर इमेश पाण्डे ने पूरी रकम अपने घरेलु काम में खर्च किए हैं।ऐसे में सवाल यह है की एक करोड़ 27 लाख 53 हजार की ठगी के मामले में आरोपियों ने करीब 42 लाख रुपए का हिसाब तो पुलिस को दे दिया। लेकिन 85 लाख 53 हजार पैसे कहा गए..? ऐसे में इन सब के पीछे किसी बड़े षड्यंत्र होने की प्रबल संभावना बन रही है। जिसकी वास्तविक स्थिति पुलिसिया जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

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