अपराधछत्तीसगढ़

आईपीएल – दीवाली धमाका किसके घर को करेगा रोशन कितनों को करेगा बर्बाद..!

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सट्टा का बाजार अब गर्म
आईपीएल रुपी दीवाली नजदीक…!

आईपीएल का मैच शुरू होने मुश्किल से दस दिन शेष हैं और अकलतरा में भी इस मैच की तैयारी शुरू हो गई है । ये तैयारी मैच की नहीं बल्कि अकलतरा में लगने वाले सट्टे की है । इसके पहले हमने अपने पोर्टल के माध्यम से पुलिस प्रशासन और लोगों को बताने का प्रयास किया था कि अकलतरा में बड़े स्तर पर सट्टा खेलाया जा रहा है और गरीब से लेकर अमीर तक इस सट्टे में अपना भाग्य आजमाने की कोशिश कर रहा है और इस कोशिश में सिवाय सट्टा खाईवाल या थोड़े सभ्य शब्दों में बुकी के सिवा कोई भी रुपए नहीं कमा सका है और जिसने थोड़े बहुत इससे कमाये उसने ज्यादा कमाने के फेर भी उससे ज्यादा को दिये है । सट्टा बाजार का सबसे बड़ा त्यौहार आईपीएल रुपी दीवाली नजदीक है और सट्टा बाजार की दीवाली आइपीएल के लिए सटटा बाजार ने अपने ग्राहकों को लुभाने और फंसाने सारे इंतजाम कर लिए हैं । सट्टा लगाने वालों को किसी तरह की तकलीफ़ न हो इसलिए दो तीन नहीं बल्कि दस से बारह लाइन मशीन फिट कर दी गई है । लैपटाप और सारा तामझाम तैयार कर लिया गया है जिससे किसी एक भी सट्टेबाज हाथ से जाने न पाए । इन बुकीज की व्यवस्था देखकर कभी कभी ऐसा लगता है कि काश प्रशासन भी इतनी मुस्तैदी से अपना काम करती …खैर छोड़िए इन मुंगेरी लाल के हसीन सपनों को । कहने का मतलब है कि इस आईपीएल-दीवाली में न जाने कितने घर बर्बाद होंगे , इस आईपीएल -दीवाली में लुटकर किसी पत्नी के जेवर , किसी के बच्चे की एफ डी , किसी की बड़े प्यार से ली गयी दो पहिया या चारपहिया गाड़ी न जाने कितने लोग बर्बाद होंगे और सबसे बड़ी बात यह कि ऐन पुलिस की नाक के नीचे हो रहा यह गंदा-धंधा कब पुलिस की आंखों की किरकिरी बनेगा । सक्ती के कंस मामा पर पड़ी आई टी की रेड ने कंस मामा के हाथ-पांव कस दिये है लेकिन कहावत है – “बंदर कभी गुलाटी मारना नहीं छोड़ता” और अकलतरा के भांजों पर थोड़ा प्रभाव तो है लेकिन सभ्य समाज में जैसा कि कहा जाता है ” कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता है ,” लेकिन इस सट्टे के धंधे का गंवाया धन सट्टे से ही वापस कमाया जा सकता हैं । पिछ्ले वर्ष अकलतरा के किशोर वय से लेकर युवा वर्ग तक कितने लोगों ने आत्महत्या की जिसकी जांच को दूर्घटना बता कर जांच नहीं किया गया है । अकलतरा नगर के अभिभावक जब तक इस सट्टे के खिलाफ नहीं होते पुलिस सक्रिय नहीं होगी अगर अपने युवाओं को और नहीं खोना है तो पुलिस प्रशासन और अभिभावक दोनों मिलकर इस सट्टे रुपी शैतान को खत्म करें ।

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