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अंतरधार्मिक जोड़े को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत, यूपी पुलिस की एफआईआर को किया रद्द; जानिए पूरा मामला…!

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अंतरधार्मिक जोड़े को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत, यूपी पुलिस की एफआईआर को किया रद्द; जानिए पूरा मामला…!
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक विवाहित अंतरधार्मिक जोड़े के खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द कर दिया। इस जोड़े के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस गजेंद्र कुमार की डिवीजन बेंच ने कहा कि पति-पत्नी दोनों बालिग हैं। आरोपी महिला ने भी स्पष्ट बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से आरोपी पुरुष के साथ रह रही थी।
शादी के बाद दोनों ने नहीं बदला अपना धर्म
कोर्ट ने महिला के इस बयान पर भी गौर किया कि उसने और उसके पति ने शादी के बाद अपना धर्म नहीं बदला है। यह भी पता चला कि जोड़े ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी, जो विभिन्न धर्मों के लोगों को शादी करने की अनुमति देता है।
लड़की की उम्र पर विवाद नहीं तो अपराध नहीं बनता- कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि दोनों पति-पत्नी बालिग हैं। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत महिला के बयान से इतना स्पष्ट है कि वो अपने पुरुष साथी के साथ स्वेच्छा रह रही है। ऐसे में अगर लड़की की उम्र पर कोई विवाद नहीं है तो दोनों के खिलाफ कथित अपराध नहीं बनता है। क्योंकि लड़की अपने पुरुष साथी के साथ रहने के लिए अपना घर छोड़ चुकी है।
इसके बाद कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता और धर्मांतरण विरोधी कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत दिसंबर 2023 में अलीगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया।
दंपति ने FIR रद्द करने और सुरक्षा को लेकर खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
दंपति ने एफआईआर को रद्द करने के साथ-साथ गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट को बताया गया कि जोड़े ने 2022 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी।
कोर्ट ने पुलिस को दंपति को गिरफ्तार करने से रोकते हुए जांच अधिकारी को महिला को उसका बयान दर्ज करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था।
बयान में महिला ने खुलासा किया था कि उसके पिता ने उसे पीटा था। उसने आगे कहा कि उसने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत उस व्यक्ति से शादी की थी। महिला ने यह भी बताया कि उसने आज तक अपना धर्म नहीं बदला है। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दी।
क्या कहता है धर्मांतरण विरोधी कानून?
बता दें, 2021 में पारित धर्मांतरण विरोधी कानून गलत बयानी, बल, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती और प्रलोभन द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाता है।

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