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भारत का वो रहस्यमय और वीरान किला, जहां राजा ने खुद काट दिया था रानी का सिर …!जानिए किले से जुड़ी एक बेहद ही रहस्यमय कहानी …!

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भारत का वो रहस्यमय और वीरान किला, जहां राजा ने खुद काट दिया था रानी का सिर …!जानिए किले से जुड़ी एक बेहद ही रहस्यमय कहानी …!

MP Tourism : मध्यप्रदेश का रहस्यमय किला, यहां राजा ने खुद काटा था रानी का सिर…जानिए किले से जुड़ी एक बेहद ही रहस्यमय कहानी –

MP Tourism : मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। यहां कई ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक धरोहरें हैं जो सिर्फ देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। दूर-दूर से सैलानी यहां घुमने और इन जगहों का दीदार करने के लिए आते हैं। आज हम आपको एमपी टूरिज्म की एक एसी रहस्यमय जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इतिहास भी काफी अलग है और यहां दूर-दूर से पर्यटक घुमने के लिए आते हैं।

हालांकि कुछ लोग यहां का इतिहास सुन कर दंग रह जाते हैं लेकिन फिर भी इस जगह को देखने के लिए जाते हैं। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के एक ऐसे किले की जो राजधानी भोपाल में स्थित है। ये किला एक अनूठी कहानी समेटे हुए है। इसे भारत की शान भी कहा जाता है। हालांकि ये रहस्यमय है। क्योंकि शासन कर रहे राजा ने खुद अपनी रानी का सिर काट दिया था। चलिए जानते हैं इस किले की कहानी और इतिहास –

MP Tourism : एमपी का रहस्यमय और वीरान किला –

रायसेन फोर्ट को साल 1200 ईस्वी में बना कर तैयार किया गया था। ये किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस किले की वास्तु कला देखने लायक है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इस किले से जुड़ी कई कहानियां भी है। आज भी ये किला वैसा ही है जैसे पहले था। इसे बलुआ पत्थर से बना कर तैयार किया गया है। किले के चारों ओर बड़ी-बड़ी चट्टानों की दीवारें हैं। इसकी वास्तुकला की बात करें तो इन दीवारों के नौ द्वार और 13 बुर्ज हैं।

यहां पर कई राजाओं ने शासन किया है। इन्हीं में से एक राजा है शेरशाह सूरी। यह किला जीतने में उनके पसीने छूट गए थे। बताया जाता है कि चार महीने की घेराबंदी के बाद भी उन्हें किला जीतने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इसे जीतने के लिए तांबे के सिक्कों को गलवाकर तोपें बनवाईं। इससे ही उनकी जीत नसीब हुई थी।

इस किले की कई कहानी है जिसमें से एक कहानी सुन सभी हैरान रह जाते हैं। कहा जाता है कि शेरशाह ने धोखे का सहारा लेकर इस महल को हासिल किया था। उनसे पहले यहां राजा पूरनमल का शासन था। इसे में जब उन्हें ये पता चला की उनके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने दुश्मनों से अपनी पत्नी रानी रत्नावली को बचाने के लिए उनका सिर खुद ही काट दिया था।

भारत का वो रहस्यमय और वीरान किला, जहां राजा ने खुद काट दिया था रानी का सिर …!जानिए किले से जुड़ी एक बेहद ही रहस्यमय कहानी …!

MP Tourism : मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। यहां कई ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक धरोहरें हैं जो सिर्फ देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। दूर-दूर से सैलानी यहां घुमने और इन जगहों का दीदार करने के लिए आते हैं। आज हम आपको एमपी टूरिज्म की एक एसी रहस्यमय जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इतिहास भी काफी अलग है और यहां दूर-दूर से पर्यटक घुमने के लिए आते हैं।

हालांकि कुछ लोग यहां का इतिहास सुन कर दंग रह जाते हैं लेकिन फिर भी इस जगह को देखने के लिए जाते हैं। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के एक ऐसे किले की जो राजधानी भोपाल में स्थित है। ये किला एक अनूठी कहानी समेटे हुए है। इसे भारत की शान भी कहा जाता है। हालांकि ये रहस्यमय है। क्योंकि शासन कर रहे राजा ने खुद अपनी रानी का सिर काट दिया था। चलिए जानते हैं इस किले की कहानी और इतिहास –

MP Tourism : एमपी का रहस्यमय और वीरान किला –

रायसेन फोर्ट को साल 1200 ईस्वी में बना कर तैयार किया गया था। ये किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस किले की वास्तु कला देखने लायक है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इस किले से जुड़ी कई कहानियां भी है। आज भी ये किला वैसा ही है जैसे पहले था। इसे बलुआ पत्थर से बना कर तैयार किया गया है। किले के चारों ओर बड़ी-बड़ी चट्टानों की दीवारें हैं। इसकी वास्तुकला की बात करें तो इन दीवारों के नौ द्वार और 13 बुर्ज हैं।

यहां पर कई राजाओं ने शासन किया है। इन्हीं में से एक राजा है शेरशाह सूरी। यह किला जीतने में उनके पसीने छूट गए थे। बताया जाता है कि चार महीने की घेराबंदी के बाद भी उन्हें किला जीतने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इसे जीतने के लिए तांबे के सिक्कों को गलवाकर तोपें बनवाईं। इससे ही उनकी जीत नसीब हुई थी।

इस किले की कई कहानी है जिसमें से एक कहानी सुन सभी हैरान रह जाते हैं। कहा जाता है कि शेरशाह ने धोखे का सहारा लेकर इस महल को हासिल किया था। उनसे पहले यहां राजा पूरनमल का शासन था। इसे में जब उन्हें ये पता चला की उनके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने दुश्मनों से अपनी पत्नी रानी रत्नावली को बचाने के लिए उनका सिर खुद ही काट दिया था।

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