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बस्तर में शव दफनाने को लेकर दो गुटों में जमकर विवाद ,,, फिर ऐसे किया गया अंतिम संस्कार ,,, देखें पूरी खबर

बस्तर में शव दफनाने को लेकर दो गुटों में जमकर विवाद ,,, फिर ऐसे किया गया अंतिम संस्कार ,,, देखें पूरी खबर

बस्तर में शव दफनाने को लेकर दो गुटों में जमकर विवाद हो गया. गांव वालों ने गांव के मरघट में शव दफ़नाने का विरोध किया. यहां जानें पूरा मामला.छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक मृतक के शव को दफनाने को लेकर दो गुटों के बीच जमकर विवाद हुआ और मारपीट तक की नौबत आ गयी. दरअसल मामला दो धर्म से जुड़ा है. नागलसर पंचायत में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी उनके परिजनों ने शव को गांव के मरघट में दफ़नाना चाहा, लेकिन गांव वालों ने इसका विरोध कर दिया और अर्थी ले जाते वक्त परिजनों से धक्का मुक्की की.

गांव वाले नहीं चाहते थे कि बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार मरघट में किया जाये, विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि मृतक महिला और उसके परिजन क्रिशचन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस वजह से ग्रामीण नहीं चाहते हैं कि उसका अंतिम संस्कार हिंदुओं के मरघट में हो, जिसके चलते उन्होंने विरोध किया, हालांकि इस विरोध की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों गुटों को काफी समझाने की कोशिश की और जिसके बाद आखिरकार पुलिस की मदद से पीड़ित परिवारों ने शव को खुद के निजी जमीन में दफ़नाया और जिसके बाद मामला शांत हुआ.

अपनी निजी जमीन में शव को दफनाया

दरअसल बस्तर में पिछले कुछ सालों से बस्तर के ग्रामीणों को अपने ही बिरादरी के ग्रामीणों के विरोध का लगातार सामान करना पड़ रहा है. ऐसे ही विरोध की एक तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई. इस तस्वीर में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे परिजनों के साथ वहां के ग्रामीणों ने धक्का-मुक्की की और मरघट तक शव को ले जाने नहीं दिया और अर्थी को पकड़कर ढकेलते दिखाई दिए.

यह मामला बस्तर जिले के नागलसर पंचायत का है. मृतक महिला के परिवार के सदस्य पांडुराम ने बताया कि रात के समय उनके दादी की मौत हो गई थी, जिसके बाद अगली सुबह वे मृत शरीर को लेकर मरघट की ओर रवाना हुए थे, इसी बीच गांव के ही कुछ ग्रामीण अर्थी के पास पहुंचकर धक्का-मुक्की करने लगे और शव को दफनाने के लिए रोकने लगे.

यह सिलसिला घंटों तक चलता रहा, और अर्थी को लेकर गांव के भीतर भटकने के बाद परेशान होकर परिवार वालों ने शव को गांव में बने वनोपज जांच नाका के नजदीक रखा और पुलिस को इसकी सूचना दी, सूचना मिलते ही आधे घंटे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से घंटों बातचीत की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला जिसके चलते उन्हें अपनी निजी जमीन में ही शव को दफ़नाना पड़ा.

गांव में कब्रिस्तान बनाने की मांग

पांडुराम का कहना है कि उनके परिवार क्रिश्चियन धर्म को मानते हैं, लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं और इसी के चलते उन्हें मरघट में शव को दफनाने नहीं दिया गया. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में इस गांव में रहने वाले क्रिश्चियन समुदाय के लोगों ने शासन-प्रशासन से नागलसर पंचायत में एक कब्रिस्तान बनाये जाने की मांग की है ताकि इन समुदाय के ग्रामीणों को इस तरह की स्थिति में तकलीफों का सामना ना करना पड़े.

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