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पाली राजस्व के नजदीकी ग्राम पंचायतों को हरदीबाजार तहसील में शामिल करने के निर्णय पर सरपंचों की आपत्ति

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पाली राजस्व नजदीकी ग्राम पंचायतों को हरदीबाजार तहसील में शामिल करने के निर्णय पर सरपंचों की आपत्ति, विधायक, राजस्व मंत्री व मुख्यमंत्री से तहसीली कार्य यथावत रखने की मांग

/ सवितर्क न्यूज, राकेश खरे /

कोरबा/पाली ,हरदीबाजार:- शासन द्वारा उपतहसील से तहसील का दर्जा प्राप्त हरदीबाजार में पाली तहसील के लगभग 19 हल्का नम्बरों को समाहित करने हेतु लिए गए निर्णय के तहत पाली विकासखण्ड के करीब 3 दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत हरदीबाजार राजस्व के अधीन आ जाएंगे।जिसमे तहसीली कार्य व दूरी को लेकर पाली विकासखण्ड के नजदीक में आने वाले ग्राम धौराभांठा, सेंदरीपाली, रंगोले, नुनेरा, बाँधाखार, पुटा, उड़ता जैसे पंचायतें प्रभावित होगी।जिसे लेकर उक्त पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति जताया गया है और वर्तमान पाली राजस्व अंतर्गत आने वाले इन पंचायतों को हरदीबाजार में शामिल नही करने का प्रतिवेदन कटघोरा विधानसभा विधायक पुरुषोत्तम उइके, राजस्व मंत्री एवं कोरबा शहर विधायक जयसिंह अग्रवाल के अलावा प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को भी प्रेषित किया है तथा राजस्व मंडल यथावत रखने की मांग की गई है।हरदीबाजार तहसील में शामिल करने के निर्णय से प्रभावित होने वाले पाली राजस्व के नजदीकी पंचायतों के सरपंचों का इस विषय पर कहना है कि उनके पंचायत से पाली मुख्यालय की दूरी 10 से 15 किलोमीटर की है जबकि लिए जा रहे इस निर्णय से हरदीबाजार का फासला 20 से 32 किलोमीटर तय करना पड़ेगा इसके अलावा जनपद, स्वास्थ्य, थाना व अनुविभाग कार्यालय सहित अन्य कार्य पाली में सम्पादित होगा और केवल राजस्व सम्बंधित कार्यों को लेकर हरदीबाजार की दौड़ लगानी पड़ेगी इससे समय व कार्य दोनों प्रभावित होंगे।बता दे कि कुछ इसी तरह की स्थिति बिलासपुर जिला से अलग होकर 27वे जिले के आस्तित्व में आए गौरेला, पेंड्रा, मरवाही को लेकर भी निर्मित हुई थी जहां पसान राजस्व क्षेत्र एवं पोड़ी- उपरोड़ा ब्लाक के अनेक पंचायत को नवगठित जिला में शामिल करने लिए गए निर्णय के विरुद्ध उन पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव पारित किया था जिसके बाद यहां की सीमाई स्थिति फिलहाल यथावत रखी गई है।कुछ ऐसे ही हालात हरदीबाजार तहसील को लेकर देखने को मिल रही है जहां पाली मुख्यालय के करीबी ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने हरदीबाजार तहसील में शामिल के निर्णय को खारिज कर पाली राजस्व में ही बने रहने का निर्णय लिया है।और उनकी मांग है कि प्रशासनिक सुविधाओ के मद्देनजर उन्हें हरदीबाजार तहसील में शामिल नही किया जाए।

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