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भारत विभिन्न राज्यों में गणराज्य के रूप में विश्व पटल पे प्रकट हुआ।

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गणतंत्र दिवस 26 जनवरी
देश का गण और तंत्र दोनों मजबूत हुआ है

बिलासपुर सवितर्क न्यूज, सुरेश सिंह बैस

बिलासपुर। यूं तो हमारा देश अंग्रेजी गुलामियत से 1947 ईस्वी 15 अगस्त के दिन ही आजाद हो गया था। परंतु देश को एक संविधान अर्थात एक ऐसे नियम और कानून की जरूरत महसूस होने लगी।

जिसके तहत देश एक ऐसे अनुशासन का पालन करें जो सबके विश्वास का भी प्रतीक हो और जिसमें सभी की सहमति हो और बाध्यता भी शामिल हो ।ऐसे संविधानिक आवश्यकता देश के स्वतंत्रता पश्चात अनिवार्य रूप से महसूस की जाने लगी थी।

इतने विशाल देश का संचालन बिना किसी कानून के चलाना नितांत असंभव था ।अतः इन्हीं आवश्यकताओं को देखते हुए संविधान निर्माण के लिए संसद में परिचर्चा के बाद संविधान निर्माण कमेटी का गठन किया गया।

कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में देश के संविधान का निर्माण किया जाना था। आखिरकार के सदस्यों के कठोर परिश्रम और गहन विचार विमर्श के बाद संविधान का निर्माण संपूर्ण हुआ।

आखिरकार वो दिन आ ही गया जब वास्तव में भारत वास्तविक रूप से गण तंत्र बना जो विभिन्न राज्यों में विभक्त एक गणराज्य रा के रूप में विश्व पटल के सामने प्रकट हुआ। हालांकि इसके लिए स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लगभग तीन वर्ष का इंतजार करना पड़ गया।

कर दिया गया है। बस इसी कारण आज यानी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में यह राष्ट्रीय पर्व मनाए जाने की परंपरा शुरू हो चुकी है।

आज गणतंत्रता के इस पर्व को मनाते हुए हमें सत्तर वर्ष से अधिक होने जा रहा है ।

देखा जाए तो इस सत्तर वर्ष की अवधि में हमारा गण तंत्र परिपक्व भी हुआ है और मजबूत भी हुआ है ।इसी पर अपने विचार प्रकट करते हुए अखिल वैश्विक क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजीव सिंह छत्री ने गणतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा

के अब देश हमारा कमजोर नहीं सशक्त और शक्तिशाली है। विश्व का कोई भी देश हो। अब वह आंख उठाकर देखने में दस बार सोचेगा। हमारे भारत का गण तंत्र का यह पर्व हम सभी को देश के प्रतिआस्था और राष्ट्रीयता पर गर्व करने का मौका देता है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया पर भी उन्होंने जानकारी देते हुए सभी देशवासियों को पुनः बधाई दी।

देशवासियों की आस्था संविधान के प्रति और प्रगाढ़ हुई है। विश्वास और मजबूत हुआ है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का सर्वे कहता है कि विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा में बहुत प्रगति हुई है। स्वतंत्रता के समय सांप और सपेरों का देश पिछड़ा और गरीब देश कहलाने वाला तीसरी दुनिया का यह देश अन्य विकसित देशों की नजर में कमजोर था।

लेकिन आज विश्व में भारतवर्ष की प्रतिष्ठा सर्वोच्च मुकाम में पहुंच चुकी है। वैश्विक शक्ति अमेरिका भी भारत के गुणगान करते नहीं थकता ।अब तो उसे भी भारत की महत्ता समझ आने लगी है।

पहले वहां के राष्ट्रपति भारत को अपने दौरे के लायक में भी नहीं समझा करते थे। वर्षों बीत जाने पर भी वहां का राष्ट्रपति यहां नहीं आता था।

अब यह हाल है कि उसे अपने हर काम के लिए चाहे वह अर्थव्यवस्था हो आतंकवाद का मुद्दा हो या फिर वैश्विक संतुलन( चीन के मद्देनजर)के लिए भारत की चिरौरी विनती करनी पड़ रही है।

वहीं चीन भी अब भारत के आगे केवल भौंकने वाले कुत्ते की तरह व्यवहार कर रहा है। आगे बढ़ कर काटने की अब उसकी जुर्रत नहीं होती। पाकिस्तान तो बस अब चीन का पिछलग्गू बनकर भारत के सामने भी नहीं आ सकता। जो पहले आए दिन भारत को आंखें दिखाता रहता था।

जो देश विकासशील था वह विकसित देशों के समकक्ष खड़ा ‌ है ।वैश्विक राजनीतिक का प्रमुख आधार स्तंभ बन चुका है। अब चाहे वह आतंकवाद का मुद्दा हो जलवायु परिवर्तन का मुद्दा हो या फिर कोई भी वैश्विक विषय पर बिना भारत के राय के कोई निर्णय नहीं लिए जाते। हैं

आज देखे पिछले वर्ष ग्यारह महीने से सारा विश्व कोरोनावायरस जैसी महामारी से ग्रस्त है ।करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए और लाखों लोगों ने अपनी जान गवांई।पर चूंकि भारत ने पूरी कुशलता और ताकत से इस महामारी का सामना किया और अन्य देशों की अपेक्षा अपने आप को इससे बचाने में काफी हद तक सफल भी रहा।

इस बात की तो सारा विश्व भी प्रशंसा कर रहा है ।क्या ही सुंदर गौरवान्वित विषय है कि जहां पहले सुई तक भी निर्मित नहीं किया जा पाता था।

आज उसी भारतवर्ष ने पूरी दुनिया को महामारी से बचाने के लिए कोरोना वैक्सीन का निर्माण भी किया और उसे कई देशों को मदद हेतु आपूर्ति भी की है। अनेक देशों ने इसके लिए भारत का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

ब्राजील के राष्ट्रपति ने तो इसके लिए भारत के आराध्य देव हनुमान जी के चित्र के साथ भारत को बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया है । भारत ने बांग्लादेश नेपाल भूटान मयमार अफगानिस्तान श्रीलंका ब्राज़ील ग्वाटेमाला वियतनाम मालदीव आदि दर्जन भर से अधिक देशों को तत्काल कोरोनावायरस के टीके की सहायता पहुंचाई है। यह कोई छोटी मोटी बात नहीं। अंतरराष्ट्रीय पटल पर बहुत ही
बड़े गर्व की बात है।अंत में सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाओं के साथ जय हिंद जय भारत।

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